Menu
Skip to content
Home
No posts with label
राग - देस
.
Show all posts
No posts with label
राग - देस
.
Show all posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
Search for:
Frontbackgeek.com
Frontbackgeek.com
Categories
parts
अंग
अर्ध शास्त्रीय गायन विधा
अलंकार क्या हैं अलंकार किसे कहते हैं
अहीर भैरव
आवश्यकता
आश्रय राग
उत्तरी
उत्तरी और दक्षिणी ताल प्रणाली रचना
कजरी
गंभीर प्रकृतिक
गायन विधा
गायन शैली
घराना संगीत
चंचल प्रकृति
चंद्रकौंस
चैती
तानपुरे के अंग
थाट
दक्षिणी संगीत
ध्रुवपद गायन शैली
प्राचीन संगीत
बिलासखानी तोड़ी
भाग
भारतीय शास्त्रीय संगीत व उप शास्त्रीय संगीत
भारतीय संगीत
भारतीय संगीत की पद्तिया
मनोरंजन की दृष्टि से
महत्व
मारवा
मार्गी और देसी संगीत
मालकौंस
मुल्तानी
मेघ मल्हार
राग
राग भैरवी
राग वृंदावनी सारंग
राग - शुद्ध कल्याण
राग - खमाज
राग - जौनपुरी
राग - देस
राग - मारू बिहाग
राग -अल्हैया बिलावल
राग -भीमपलासी
राग का अर्थ
राग काफी
राग परिचय
राग पूर्वी
राग बागेश्वरी
राग बिलवाल
लोकगीत
विकास
शास्त्रीय संगीत
शास्त्रीय संगीत में तान व तान के प्रकार
संगीत में आरोह - अवरोह किसे कहते हैं
समानता और भिन्नताw
सौंदर्य प्रधान
स्वर की परिभाषा या सुर किसे कहते हैं
स्वर से अभिप्राय
स्वरलिपि पद्धति का उद्भव
Popular Posts
तान व तान के प्रकार
तान शब्द संस्कृत के मूल धातु "तन" से लिया गया है जिसका अर्थ हुआ खींचना या तानना | अन्य शब्दों में कहे तो कंठ को तान कर गा...
उत्तरी , दक्षिणी संगीत
प्राचीन काल में सम्पूर्ण भारत में संगीत केवल एक पद्धति थी क...
राग - मारू बिहाग
राग - मारू बिहाग थाट - कल्याण जाति -औडव - संपूर्ण रस्वर - दोनों म शेष शुद्ध वादी - ग संवादी - नि गायन समय - रात्रि क...
Home
about us
contact us