राग -बिलासखानी तोड़ी
ठाट -भैरवी
जाती - षाड़व -सम्पूर्ण
वादि - ध
सम्वादी- ग
स्वर- रे,ग,ध,नि
वर्जित स्वर -आरोह में म
समय - दिन का दूसरा प्रहर
न्यास के स्वर -ग, प ,ध
समप्रकृतिक राग-भैरवी

प्रचलित है कि गिलास खान ने तानसेन के कहने पर इस राग को गाकर कुछ समय के लिए तानसेन को जीवित कर लिया था कुछ समय पहले तक यह राग इतना प्रचलित नहीं था परन्तु आजकल यह राग बहुत ही प्रचलित राग हैं